Connect with us

BIG BREKING NEWS

प्रकृति से हमारा संबंध ईको फ्रेंडली नहीं बल्कि ईको फ़ैमिली का- प्रेमशंकर जी सिदार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा संक्रांति पर्व को उत्सव के रूप में मनाया गया

Published

on

खंडवा- किसी भी देश को महान बनाने के लिए किसी एक व्यक्ति का महान होना पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि संपूर्ण समाज के द्वारा नागरिक अनुशासन का पालन करने से ही देश महान बनते हैं। नागरिक शिष्टाचार का शत प्रतिशत पालन ही किसी भी राष्ट्र के विकसित होने का प्रमाण हैं। आज संपूर्ण विश्व प्रकृति का दोहन करने में लगा हैं जबकि हमारा प्रकृति से नाता परिवार की तरह हैं। पृथ्वी को, नदियों को हम माता मानते हैं, वृक्ष एवं पौधे  देवता के रूप में प्रतिष्ठि हैं। हमारा प्रकृति से संबंध ईको फ्रेंडली नहीं बल्कि ईको फ़ैमिली का हैं। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र सह प्रचारक श्री प्रेमशंकर जी सिदार ने कही। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छः उत्सवों में से एक उत्सव मकर संक्रांति पर उत्कृष्ठ विद्यालय मैदान में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने कहा कि इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है एवं तिल-तिल करके बढ़ता हैं।  ठीक उसी प्रकार भारत की प्रतिष्ठा एवं स्वीकार्यता संपूर्ण विश्व में बढ़ रही हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा था कि समरसता, कर्मठता, समानता, संपन्नता, ज्ञान, सुख और शांति ही भारत में सच्ची संक्रांति लायेंगे। प्रत्येक स्वयंसेवक को भी अपने परिवार को आदर्श हिंदू परिवार बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए, उन्होंने कहा कि कोविड जैसी महामारी के दौरान जब सम्पूर्ण विश्व निराशा के दौर में था उस समय भारत ने अपने प्रयासों से पूरे विश्व को आशा की किरण प्रदान की। भारत ने 67 से अधिक देशों को अपनी वैक्सीन प्रदान की और मानवता के हित में कार्य किया। उसी का परिणाम हैं कि आज भारत की स्वीकार्यता संपूर्ण विश्व में बढ़ी हैं। दो महाशक्तियों के बीच युद्ध विराम के लिए भी संपूर्ण विश्व भारत की ओर देखता हैं। और भारत के हस्तक्षेप से कई देशों के बीच युद्ध विराम हुए हैं, उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भी लंबे समय तक योजनापूर्वक भारत को उसके स्वाभिमान से दूर रखा गया पर अब वो समय आ गया हैं जब युवा पीढ़ी अपने राष्ट्र के गौरवशाली अतीत को पढ़ और जान पा रही हैं। अब भारत विश्व का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अग्रणी भूमिका में आगे आ रहा हैं। यही विश्व गुरु बनने का प्रारंभ हैं। समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि भारतीय संस्कृति मैं एक संक्रांति पर्व होता है जो भावो में मिठास लाता है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नगर द्वारा संक्रांति पर्व उत्सव के रूप में मनाया गया,कार्यक्रम में नगर संघ चालक नवनीत  अग्रवाल, ज़िला संघ चालक डॉ शक्तिसिंह राठौर एवं नगर के स्वयंसेवक सहित समाज के गणमान्यजन उपस्थित थे।

Continue Reading