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हरदा/टिमरनी- हरदा जिला के टिमरनी विकासखण्ड के वनांचल के ग्राम रवांग का 90 वर्षीय आदिवासी बुजुर्ग लंबे समय से बीमार चल रहा था। 11 सितंबर को स्वास्थ विभाग की टीम ने उपचार हेतु 108 की मदद से chc टिमरनी पहुंचाया, इस दौरान रास्ते मे उसकी मौत हो गई, शासकीय अस्पताल में मौत की पुष्टि चिकित्सक द्वारा कर बेवजह पुलिस थाना मेमो भेजा गया जहां से थाना प्रभारी सुशील पटेल ने पुलिसकर्मीयों को शव को कब्जे में लेने भेजा जिसका सुबह पीएम कराने पर पुलिस अड़ी रही, जबकि बीमारी के चलते सामान्य मौत हुई थी मृतक के परिजन शव का पीएम नही कराना चाह रहे थे, पुलिस कर्मियों द्वारा मृतक के परिजनों से मारपीट की गई जिनमे महिलाएं भी थी शव की छीनाछपटी पुलिस द्वारा की गई, मानवता को शर्मशार करते हुए शव को जमीन पर घसीटा गया इस दौरान पीड़ितों के बताए अनुसार कुछ पुलिसकर्मी शराब के नशे में थे जो मारपीट गाली गलौच कर रहे थे,मृतक के पुत्र सहित दो अन्य लोगो को पुलिसकर्मी मारते हुए थाने ले गए, मृतक के साथ आई महिलाएं शव जमीन पर लेकर बैठी रही,इसके बाद भी थाना प्रभारी सुशील पटेल का दिल नही पसीजा ओर जबरजस्ती कर दबाव देकर शव को कब्जे में लेकर pm हाउस में रखवा कर ताला डलवा दिया।मीडिया के पहुंचने पर ओर मृतक के परिजनों द्वारा लगातार विरोध करने पर पुलिस ने शव बगैर पीएम कराए परिजनों को सौंपा, नपा के शव वाहन से शव रवांग लेकर परिजन गए। देखने की बात यह है कि बेबजह प्रशासन सामान्य मौत होने पर शव का पीएम कराने पर क्यों अड़ा रहा।आदिवासियों पर लगातार अत्याचार एमपी में बढ़ रहा हालात इस कदर हो गए कि अब अधिकारी ही प्रताड़ित कर रहे। राष्ट्रपति पुरुष्कार से सम्मानित थाना प्रभारी सुशील पटेल ओर उनके स्टाफ द्वारा किये गए इस अमानवीय कृत्य की आदिवासी संगठनो ने निंन्दा करते हुए। थाना प्रभारी ओर संलिप्त स्टाफ को निलंबित करने की मांग की है तो वही पीड़ितों ने भी दुःख जाहिर करते थाना प्रभारी सुशील पटेल ओर पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग रखी है। शीघ्र ही आदिवासी संघठनो द्वारा पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत आंदोलन किया जाएगा, और कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया जाएगा। 17 सितंबर को मुख्यमंत्री के टिमरनी आगमन के दौरान भी संगठनों द्वारा विरोध दर्ज कराया जाएगा, वैसे भी टिमरनी थाने के प्रभारी सुशील पटेल और उनके सहकर्मी अपने कर्तव्य से परे होकर अवैध वसूली करने ओर जनता की जेब काटने प्रताड़ित करने में लगे है, विगत दिवस भी यदुवंशी समाज द्वारा युवक को प्रताड़ित करने पर थाना प्रभारी के खिलाफ जिला स्तर पर एसपी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। चंद घण्टो बाद ही पुलिस ने रात में शासकीय अस्पताल में बलपूर्वक शव की दुर्दशा कर आदिवासियों पर अत्याचार किया। सीसीटीवी फुटेज में भी दर्जनो के लगभग पुलिस कर्मी थाना प्रभारी के साथ आदिवासियों पर दबाब देते दिख रहे,क्या 90 वर्षीय मृतक आतंकवादी था जो पूरा थाना अमला उसे कब्जे में लेने टूट पड़ा, बहुत ही घृणित कार्य पुलिस द्वारा किया गया जो पुलिस की छवि को धूमिल कर रहा,देखते है वरिष्ठ अधिकारी सिर्फ जांच का आश्वसन देकर अपने कर्मियों को बचाएगा या पीड़ितों को न्याय दिलाएगा? जिसकी उम्मीद कम ही है।

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