विधानसभा में प्रश्न काल के दौरान गुड़ी उपमंडी, गौशालाओं में सोलर प्लांट और छैगांव माखन को नगर पंचायत बनाने की भी रखी मांग
खंडवा- पंधाना विधानसभा की विधायक छाया मोरे निरंतर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सक्रिय रूप से प्रयासरत हैं, उसी कड़ी में विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक छाया गोविन्द मोरे ने एक के बाद एक कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। विधायक श्रीमती मोरै ने किसान, पशुपालक, नगरीय विकास तथा न्याय व्यवस्था से जुड़े विभिन्न विषयों पर तारांकित प्रश्नों के माध्यम से सरकार से जवाब मांगा और जनहित में ठोस कार्रवाई की अपेक्षा जताई। पूछे गए प्रश्न क्रमांक 627 में छाया मोरे ने किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री से जानना चाहा कि क्या पंधाना विधानसभा अंतर्गत गुड़ी कृषि उपमंडी में प्लेटफार्म, लिंक सीसी रोड, पेयजल व्यवस्था, तोलकांटा तथा कृषक विश्रामगृह जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है? उन्होंने यह भी पूछा कि यदि ऐसा है तो इन सुविधाओं की पूर्ति कब तक की जाएगी। इसके बाद छाया मोरे ने प्रश्न क्रमांक 1397 के माध्यम से पशुपालन एवं डेयरी विभाग से यह जानकारी मांगी कि क्या मध्य प्रदेश में गौशालाओं में रोशनी के लिए सोलर प्लांट लगाने की कोई योजना है? साथ ही उन्होंने पंधाना विधानसभा की 7 सुचारु रूप से कार्यरत गौशालाओं – माँ भगवती देवी गौशाला समिति ग्राम सिरसौद, नवीन सुरभि गौशाला ग्राम देशगाँव, माँ गंगा गौशाला ग्राम धनगाँव, श्रीचंद गौशाला ग्राम निहालवाड़ी, नर्मदा गौशाला ग्राम पछाया, श्रीकृष्ण गौपाल गौशाला ग्राम घाटाखेड़ी और श्रीसंत सिंगाजी गौशाला पीपलोद खास– में सोलर प्लांट लगाने की कार्ययोजना के बारे में पूछा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि योजना है, तो इन प्लांटों की स्थापना कब तक होगी? प्रश्न क्रमांक 1398 में विधायक छाया मोरे ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग से यह सवाल उठाया कि पंधाना विधानसभा अंतर्गत इंदौर–इच्छापुर हाईवे पर स्थित ग्राम पंचायत छैगांव माखन को बढ़ती जनसंख्या और विकास की आवश्यकता को देखते हुए नगर पंचायत में कब तक परिवर्तित किया जाएगा? साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी मांगी कि मध्य प्रदेश में किसी क्षेत्र को नगर पंचायत घोषित करने के लिए क्या तय नीति और नियम हैं? समाजसेवी व प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि चल रही विधानसभा के अंतर्गत विधायक छाया मोरै ने प्रश्न क्रमांक 628 में उन्होंने विधि एवं विधायी कार्य विभाग से वर्षों से चर्चित एक गंभीर और लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में खंडवा जिला न्यायालय जबलपुर हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में आता है, जिसकी दूरी खंडवा से 477 किलोमीटर है, जबकि इंदौर खंडपीठ की दूरी मात्र 130 किलोमीटर है। इस वजह से पक्षकारों को कानूनी प्रक्रिया में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने पूछा कि क्या खंडवा जिला न्यायालय को इंदौर हाईकोर्ट खंडपीठ से जोड़ने की कोई कार्ययोजना है? यदि हाँ, तो यह प्रक्रिया कब तक पूरी की जाएगी? इस मांग पर सदन में संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी समर्थन किया, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस बात का समर्थन किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधायक छाया मोरे की बात को गंभीरता से लेते हुए उचित निर्णय का आश्वासन दिया। विधानसभा में पूछे गए इन प्रश्नों से स्पष्ट है कि विधायक छाया मोरे अपने विधानसभा क्षेत्र की बुनियादी जरूरतों, किसानों और पशुपालकों की समस्याओं, नगरीय विकास और न्याय व्यवस्था की सुविधा बढ़ाने के मुद्दों को लेकर गंभीर हैं और इन पर ठोस कार्यवाही की अपेक्षा सरकार से कर रही हैं।