सोमवार, 28 जुलाई 2025

डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिल्ली में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय स्थापना दिवस पर भारत की जलवायु तैयारी संबंधी प्रमुख पहल घोषित किए

19वें स्थापना दिवस पर डॉ. सिंह ने 14 वैज्ञानिक उत्पादों की घोषणा के साथ ही परिवर्तन दशक की सराहना की, डीप ओशन मिशन को भविष्य की अर्थव्यवस्था की कुंजी बताया
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने जलवायु-अनुकूल और वैज्ञानिक रूप से सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (एमओईएस) द्वारा विकसित नए वैज्ञानिक उपकरण और डिजिटल सेवाओं का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के 19वें स्थापना दिवस के अवसर पर उन्होंने विज्ञान-संचालित सेवाओं के प्रति गहन जन सहभागिता और व्यापक जागरूकता का आह्वान किया। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले एक दशक में मंत्रालय के कामकाज, इसकी पहुंच और लोगों के जीवन पर इसके वास्तविक प्रभाव से उल्लेखनीय बदलाव आया है।
डॉ. सिंह ने कहा कि विज्ञान और नवाचार पारिस्थितिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ ही आगामी दशकों में भारत के आर्थिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि अब हम उस मुकाम पर पहुंच गए हैं जहां एक सामान्य उपयोगकर्ता भी अपने मोबाइल फोन पर लाइव मौसम अलर्ट, चक्रवात संबंधी चेतावनी, वायु गुणवत्ता अपडेट और समुद्री पूर्वानुमान की जानकारी प्राप्त कर सकता है। यह मिशन मोड में काम करने वाली सरकार और एक ऐसे मंत्रालय के कार्य परिणाम हैं, जिसने स्वयं को नागरिक सेवा केंद्रित संस्थान के रूप में ढ़ाल लिया है।"
इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के विभिन्न संस्थानों द्वारा विकसित 14 प्रमुख उत्पादों और पहल का औपचारिक शुभारंभ किया। इनमें वर्षा निगरानी और फसल-मौसम कैलेंडर, भारत पूर्वानुमान प्रणाली - विस्तारित अवधि पूर्वानुमान (भारतएफएस-ईआरपी) जैसी उन्नत मौसम पूर्वानुमान प्रणालियां, उच्च-रिज़ॉल्यूशन वर्षा डेटासेट, अद्यतन तरंग एटलस और समुद्र तल चार्ट, वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान प्रणालियां, समुद्री जैव विविधता रिपोर्ट और चार भारतीय शहरों के भूकंपीय सूक्ष्म क्षेत्रीकरण अध्ययन शामिल हैं। इस मौके पर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग द्वारा निर्मित "लाइफ सेविंग इम्पैक्ट" नाम की एक नई डाक्यूमेंटरी (वृत्तचित्र) भी रिलीज़ की गई।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने पिछले दस वर्षों में आये व्यापक बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में आज डॉप्लर मौसम रडार की संख्या 15 से बढ़कर 41 हो गई है। इसी तरह, भूकंपीय और मौसम केंद्र, ऊपरी वायु प्रेक्षण प्रणालियां, आकाशीय बिजली का पता लगाने वाले नेटवर्क और वर्षामापी संयंत्र सभी दोगुने से भी अधिक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि अब भूकंप के दो से तीन मिनट बाद ही अलर्ट जारी कर दिये जाते हैं, जिन्हें लाखों लोग तुरंत ऑनलाइन देख पाते हैं। भूकंप की जानकारी प्राप्त करने वालों की संख्या इतनी अधिक है कि हाल में दिल्ली में आए भूकंप के दौरान भारी संख्या में इसके उपयोग से सर्वर क्रैश हो गए।
उन्होंने चक्रवाती तूफानों के पूर्वानुमान में भारत मौसम विज्ञान विभाग की प्रगति की सराहना की और कहा कि अब मौसम की चरम स्थिति संबंधी चेतावनियां 10 दिनों की समय-सीमा में उपलब्ध कराई जा रही हैं। डॉ. सिंह ने स्मरण कराया कि कैसे 1999 के महाचक्रवात में ओडिशा में दस हजार लोगों के हताहत होने के बाद इस क्षेत्र में कई सुधार लाकर समय पर चेतावनी संबंधी प्रणाली विकसित की गई, जिससे हाल के तूफ़ानों में जान-माल की न्यूनतम क्षति हुई।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मंत्रालय अपने कार्यों द्वारा कृषि और मत्स्य पालन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काफी सहयोग प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि सात लाख से अधिक किसान मंत्रालय के मेघदूत ऐप पर पंजीकृत हैं और बुवाई, सिंचाई और कटाई की योजना बनाने के लिए इसकी सलाह का उपयोग करते हैं। इसी प्रकार, तटीय क्षेत्रों के मछुआरे सुरक्षित और ईंधन-कुशल मछली पकड़ने वाले क्षेत्रों के निर्धारण के लिए दैनिक एसएमएस अपडेट का इस्तेमाल करते हैं।
डॉ. सिंह ने इस प्रकार के जन संचार और जन-सम्पर्क बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अन्य मंत्रालयों और सरकारी संचार माध्यमों के साथ बेहतर समन्वय का सुझाव देते हुए कहा कि अभी भी बहुत से लोगों को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थानों द्वारा विकसित किए गए उपकरणों के बारे में जानकारी नहीं है। उन्हें उनकी ही भाषा में संवाद के जरिये जानकारी उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के समुद्र-आधारित संधारणीय प्रयासों, खासकर लक्षद्वीप द्वीपसमूह का उल्लेख किया, जहां छह महासागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण (ओटीईसी) विलवणीकरण संयंत्र अब प्रतिदिन डेढ़ लाख लीटर पेयजल उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि समुद्र से घिरे होने के बावजूद, इन द्वीपवासियों को ताज़ा पानी नहीं मिलता था। अब उन्हें पर्याप्त ही नहीं, प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध हो रहा है।
डीप ओशन मिशन को एक संभावित क्रांतिकारी बदलाव बताते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की अनन्वेषित (बिना खोज की गई) समुद्री संपदा भविष्य की आर्थिक वृद्धि का एक प्रमुख चालक बन सकती है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हमारा लक्ष्य अगले साल गगनयान के ज़रिए एक भारतीय को अंतरिक्ष में भेजना है, उसी तरह हम जल्द ही समुद्रयान के ज़रिए भारतीयों को समुद्र तल से 6 किलोमीटर नीचे गोता लगाते हुए देख सकते हैं। एक ऊपर, एक नीचे—यही हमारा अन्वेषण लक्ष्य है। (डीप ओशन मिशन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य गहरे समुद्र में मौजूद संसाधनों की खोज करना, संधारणीय समुद्री विकास को बढ़ावा देना, और महासागरों से संबंधित विभिन्न प्रौद्योगिकियों का विकास करना है। इस मिशन का लक्ष्य 6000 मीटर की गहराई तक समुद्र में जाना और वहां मौजूद खनिजों, ऊर्जा स्रोतों और जैव विविधता का अध्ययन करना है)
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मंत्रालय का बजट 2014 के 1,281 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 3,658 करोड़ रुपये हो गया है, जिससे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और उन्नत अनुसंधान को बल मिला है। डॉ. सिंह ने बदलाव का श्रेय मौजूदा केंद्र सरकार के निरंतर सहयोग को दिया और वैज्ञानिक समुदाय से इसे और गति देने का आह्वान किया।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय स्थापना दिवस आयोजन में पृथ्वी विज्ञान सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, संयुक्त सचिव श्री डी. सेंथिल पांडियन, भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा तथा कार्यक्रम प्रमुख डॉ. विजय कुमार ने भाग लिया। इसमें विशिष्ट अतिथि के तौर पर टेक्सास विश्वविद्यालय में यूनेस्को अध्यक्ष प्रोफेसर देव नियोगी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।

श्री तिलभांडेश्वर मंदिर में श्रावण के तीसरे सोमवार पर आकर्षक श्रृंगार

खंडवा- खंडवा के रामगंज में स्थित श्री तिलभांडेश्वर महादेव का मंदिर धार्मिक आस्था का केंद्र और अत्यंत पौराणिक महत्व वाला है। मंदिर में विराजमान शिवलिंग भी बड़ा चमत्कारी है,मान्यता है कि यह शिवलिंग हर साल तिल के आकार में बढ़ता है।समाजसेवी कमल नागपाल ने बताया कि भोले बाबा के दर्शन करने के लिए आस-पास के क्षेत्रो से यहां दर्शनार्थी आते हैं, लेकिन श्रावण माह में भोलेनाथ की आराधना एवं पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है।इसलिए यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं। श्रावण के तीसरे सोमवार यहां दिन भर मातृशक्ति सहित भक्तगण दर्शन के लिए आते रहे।इस अवसर पर मंदिर में किया गया विशेष श्रृंगार आकर्षण का केंद्र बना रहा।संध्या की महाआरती में बड़ी संख्या में स्थानीय रहवासी,व्यवसाई और मातृशक्ति शामिल हुए।इस अवसर पर उपवास का ध्यान रखते हुए उपवासी साबूदाने की खिचड़ी की प्रसादी वितरित की गई।

‘एकीकृत स्वास्थ्य परिसर’ की अवधारणा पर करें कार्य: उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल, उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल की अध्यक्षता में जीएमसी भोपाल की सामान्य सभा की 19वीं बैठक सम्पन्न

भोपाल: उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को एक साथ जोड़ते हुए ‘एकीकृत स्वास्थ्य परिसर’ की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है, ताकि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, फैकल्टी को अनुसंधान एवं नवाचार के अवसर, और मरीजों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएँ एक ही स्थान पर मिल सकें। उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों एवं निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिए कि सभी विकास कार्य समयबद्ध ढंग से पूरे हों और उनकी गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने पुराने छात्रावास भवनों के जीर्णोद्धार, मल्टी लेवल पार्किंग, जीएमसी परिसर की एप्रोच रोड के सुधार, मेडिकल कॉलेज के रिडेवलपमेंट प्लान एवं चिकित्सकों, स्टाफ तथा फैकल्टी के लिए आवासीय क्वार्टर्स और अन्य सहायक सुविधाओं के विकास योजना के संबंध में आवश्यक निर्देश दिये। उन्होंने सामान्य सभा की 18 वी बैठक में दिए गए निर्देशों की अनुपालना की वृहद समीक्षा की।
      उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में गाँधी मेडिकल कॉलेज भोपाल की सामान्य सभा की 19वीं बैठक आज आयोजित की गई। बैठक में कार्यकारिणी समिति द्वारा लिए गए निर्णयों, आय-व्यय, बजट तथा संस्थान के शैक्षणिक और भौतिक विकास से जुड़ी विभिन्न योजनाओं का प्रस्तुतिकरण किया गया। बैठक में गाँधी मेडिकल कॉलेज के समग्र विकास से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। इनमें नव प्रस्तावित मिल्क बैंक की स्थापना, बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का निर्माण, प्रोफेसर्स की पदोन्नति प्रक्रिया का समयबद्ध निराकरण, संस्थान में चल रहे शोध कार्यों को सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराने की नीति, विद्यार्थियों के लिए आधुनिक छात्रावास सुविधाओं का विस्तार जैसे बिंदु शामिल रहे। छात्र-छात्राओं के लिए 200 सीटों वाला छात्रा पीजी हॉस्टल तथा 400 सीटों वाला छात्र पीजी हॉस्टल की प्रगति की समीक्षा की और शीघ्र कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
      उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने हमीदिया अस्पताल भोपाल के हृदय रोग विभाग की कार्यप्रणाली की जानकारी ली। उन्हें अवगत कराया गया कि कार्डियोलॉजी विभाग की सेवाएँ वर्तमान में हमीदिया अस्पताल के ब्लॉक-1 की तीसरी एवं ग्यारहवीं मंजिल पर संचालित हैं। साथ ही, पुराने भवन में ट्रॉमा ब्लॉक के समीप स्थित कैथ लैब की वर्तमान कार्यप्रणाली से भी उन्हें अवगत कराया गया। उन्होंने विभाग के कामकाज, नॉन-इनवेसिव लैब की स्थिति तथा डीएम छात्रों के लिए चल रहे उच्चस्तरीय शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना की। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ब्लॉक-1 की तीसरी मंज़िल पर नवीन कैथ लैब की स्थापना से हृदय रोग से पीड़ित गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों को और अधिक सुविधा मिलेगी। उन्होंने विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता एवं उनकी टीम को चिकित्सा शिक्षा, सेवा और शोध कार्यों के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई दी। उन्हें विभिन्न इंटरवेंशन प्रक्रियाओं एवं रोगियों की संख्या की जानकारी भी दी गई।
      बैठक में महापौर श्रीमती मालती राय, विधायक श्री भगवानदास सबनानी, एमपीपीएचएससीएल के प्रबंध संचालक एवं कार्यकारिणी समिति के अध्यक्ष श्री मयंक अग्रवाल, जीएमसी की अधिष्ठाता डॉ. कविता सिंह, चिकित्सा शिक्षा संचालक डॉ. अरुणा कुमार, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुनीत टंडन, कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. राजीव गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, फैकल्टी सदस्य, तकनीकी विशेषज्ञ और निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

टिमरनी नगर में निकली बाबा महाकाल की शाही सवारी, हरिहर व भगवती मिलन बने आकर्षण का केंद्र

टिमरनी- सावन मास के पावन अवसर पर तीसरे सोमवार को नगर के प्राचीन शंकर मंदिर से बाबा महाकाल की शाही सवारी बड़े ही धूमधाम और श्रद्धाभाव के साथ निकाली गई। भगवान भोलेनाथ की यह भव्य शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से निकली, जिसमें श्रद्धालु ढोल-ताशों की गूंज पर भक्ति में झूमते और नाचते गाते नजर आए। पालकी में सवार बाबा महाकाल की झांकी आकर्षण का केंद्र रहीं। यात्रा का शुभारंभ नगर के शंकर मंदिर से हुआ, जो गांधी चौक, भैरव बाबा मंदिर, मोर वाली बिल्डिंग, सूर्या टावर होते हुए लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुंची।
यहां भगवान विष्णु और शिव के प्रतीकात्मक हरिहर मिलन का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण वातावरण में भागीदारी की। इसके बाद यात्रा नगर के प्राचीन शीतला माता मंदिर पहुंची, जहां भगवती मिलन हुआ। इस पावन अवसर पर शीतला माई की माला भगवान भोलेनाथ को एवं भोलेनाथ की माला माई को अर्पित की गई।
शोभायात्रा का समापन पुनः शंकर मंदिर में भव्य महाआरती के साथ हुआ, जिसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। आयोजन में नगरवासियों की बड़ी संख्या में सहभागिता देखने को मिली। इस यात्रा में प्राचीन शंकर मंदिर ,बगलेश्वरी धाम, शिवभक्तों एवं समस्त नगर वासियों की सहभागिता रही।
रिपोर्ट- शुभम कुशवाहा, टिमरनी।

श्री ममलेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक संपन्न, मंदिर की व्यवस्थाओं और विकास कार्यों पर हुई चर्चा

खंडवा- ओकारेश्वर में स्थित ममलेश्वर मंदिर की नवगठित प्रबंधन समिति की पहली बैठक सोमवार को ओंकारेश्वर स्थित एकात्मक धाम परियोजना कार्यालय के सभा कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में मांधाता विधायक श्री नारायण पटेल, कमिश्नर इंदौर संभाग श्री दीपक सिंह के साथ-साथ कलेक्टर खंडवा ऋषव गुप्ता, पुलिस अधीक्षक श्री मनोज कुमार राय, नगर परिषद ओंकारेश्वर की अध्यक्ष श्रीमती मनीषा परिहार एवं एसडीएम पुनासा श्री शिवम प्रजापति सहित अन्य अधिकारी तथा मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्यगण मौजूद थे। बैठक में कमिश्नर श्री सिंह ने कहा कि मंदिर में प्रचलित परंपराओं में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा, सभी परंपराओं का पहले की तरह ही पालन किया जाएगा।
          कमिश्नर श्री दीपक सिंह ने कहा कि ममलेश्वर मंदिर परिसर की व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर बनाने तथा वहां आने वाले श्रद्धालुओं को पहले से अधिक सुविधाएं देने के उद्देश्य से मंदिर प्रबंधन समिति का गठन जिला प्रशासन द्वारा किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रबंधन समिति की अगली बैठक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों को भी आमंत्रित किया जाए। 
         कमिश्नर श्री सिंह ने बैठक में निर्देश दिए कि ममलेश्वर मंदिर परिसर में विकास कार्यों की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माध्यम से तैयार कराई जाए, और उसी के हिसाब से मंदिर परिसर में विकास कार्य किए जाएं। उन्होंने मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाकर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मंदिर की व्यवस्थाओं के लिए प्रबंधन समिति की तरह ओंकारेश्वर के स्थानीय अधिकारियों को शामिल करते हुए एक कार्यकारी समिति गठित करने के निर्देश भी दिए और कहा कि कार्यकारी समिति की बैठक हर माह आयोजित की जाए तथा मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक प्रत्येक 3 माह में आयोजित की जाए।
       कलेक्टर श्री गुप्ता ने बैठक में बताया कि ममलेश्वर मंदिर की वेबसाइट बना ली गई है, वेबसाइट के माध्यम से मंदिर से संबंधित जानकारी कहीं भी बैठकर प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में ममलेश्वर मंदिर के लाइव दर्शन की सुविधा भी वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शीघ्र दर्शन, पार्थेश्वर पूजन, कालसर्प पूजन, जलाभिषेक जैसी सुविधाएं भी वेबसाइट के माध्यम से श्रद्धालुओं को ऑनलाइन ही मिलने लगेगी। बैठक में ममलेश्वर मंदिर में पूजा के समय एवं परम्पराओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों की व्यवस्था, प्रोटोकॉल व्यवस्था, मंदिर में नियुक्त कर्मचारियो के मानदेय, मंदिर में विकास कार्य करवाने की प्रकिया जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। बैठक के अंत में कलेक्टर श्री गुप्ता ने आभार प्रदर्शन किया। बैठक में एसडीएम श्री प्रजापति ने ममलेश्वर मंदिर के संबंध में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी।

श्रावण मास के तीसरे सोमवार को आशापुर से कावड़ यात्रा निकाली गई, जगह जगह भव्य स्वागत

खंडवा/आशापुर- ग्राम आशापुर की मातृशक्तियों एवं देवतुल्य कन्याओं द्वारा प्रति वर्ष अनुसार 11 वे वर्ष मे भी भव्य कावड़ यात्रा का आयोजन किया गया। यह कावड़ यात्रा ग्राम आशापुर के राम मंदिर से प्रारंभ हुई एवं ग्राम के माताजी मंदिर से होते हुए नगर छनेरा में इस भव्य कावड़ यात्रा का स्वागत महाराणा प्रताप चौक पर एवं श्री राम चौक, पर भव्य स्वागत किया गया। नगर हरसूद के प्रसिद्ध सरस्वती कुंड पर इस कावड़ यात्रा द्वारा जलाभिषेक किया गया एवं महा आरती की गई पश्चात प्रसाद वितरण किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुटुंब प्रबोधन के जिला संयोजक श्री शिवनारायण जी सेन द्वारा मातृशक्तियों को एवं उपस्थित जनों को वर्तमान समय में कम हो रहे हिंदू एवं पारिवारिक विवाद को समाप्त करने हेतु कुटुंब पर प्रबोधन दिया गया। एवं सनातन हिंदू धर्म द्वारा कावड़ यात्रा की शुरुआत का इतिहास बताया गया एवं कावड़ यात्रा को निरंतर रखने का संकल्प दिलवाया गया। इस कावड़ यात्रा में घनश्याम चौहान, गोविंद शर्मा, प्रेम नारायण सावनेर, विष्णु प्रसाद गुर्जर, अखिलेश जी मालवीय, महंत बाबा अमीरदास, डिंपल चौहान एवं बड़ी संख्या में मातृशक्ति एवं कन्याएं शामिल हुई।

रोग की पहचान, फॉलोअप और समय पर सही इलाज, रोग के निदान के लिए महत्वपूर्ण: उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

पीडियाट्रिक कैंसर के प्रभावी प्रबंधन के लिए ‘कैनकिड्स’ संस्था से सहयोग पर हुआ विचार-विमर्श
भोपाल: उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रोग की पहचान, उसका फॉलोअप और समय पर सही इलाज उपलब्ध होना, रोग के निदान के लिए महत्वपूर्ण घटक हैं। सशक्त स्वास्थ्य तंत्र के लिए इन सभी घटकों पर आपसी समन्वय से कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कैंसर पीड़ित बच्चों को उन्नत इलाज और सामाजिक सहयोग की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने आज मंत्रालय भोपाल में पीडियाट्रिक कैंसर के बेहतर प्रबंधन के लिए कैनकिड्स संस्था से सहयोग के विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया।

     उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि राज्य सरकार पीडियाट्रिक कैंसर की चुनौती से निपटने के लिए एकीकृत रणनीति पर कार्य करेगी, जिसमें शासन, विशेषज्ञ संस्थाएं और समाज की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। राज्य में उपलब्ध संसाधनों और विशेषज्ञों के बेहतर उपयोग के लिए हब-स्पोक्स और रेफरल पाथवे मॉडल को अनुमोदित कर चरणबद्ध रूप से क्रियान्वित किया जाएगा। हब एवं उत्कृष्टता केंद्रों के विकास के साथ साझा देखभाल की प्रणाली लागू करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। मानव संसाधन जैसे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और सामाजिक सहयोग टीमों की क्षमता वृद्धि और प्रशिक्षण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कैनकिड्स संस्था को इस दिशा में सहयोग के लिए अपने सुझावों को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
    बैठक में पीडियाट्रिक कैंसर की देखरेख के लिए उपयुक्त अधोसंरचना के सृजन एवं सुदृढ़ीकरण के विभिन्न विषयों पर विमर्श किया गया। सेवा प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार के लिए सामाजिक सहयोग सेवाओं को समाहित करने और सहयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की गयी। उपचार, देखरेख और सहयोग के लिए प्रोटोकॉल आधारित थैरेपी, बोन मैरो ट्रांसप्लांट और नवीनतम उपचार पद्धतियों को अपनाने साथ ही बहु-केंद्रित अनुसंधान, डेटा संकलन, नवाचार और एकीकरण को प्रोत्साहन देने के सुझाव पर योजनाबद्ध कार्यवाही की बात कही गयी। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा श्री संदीप यादव, आयुक्त स्वास्थ्य श्री तरुण राठी, मिशन संचालक एनएचएम डॉ. सलोनी सिडाना सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी एवं कैनकिड्स संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

रविवार, 27 जुलाई 2025

श्री नंदेश्वर महादेव से ब्रह्मगीर के लिए निकली कावड़ यात्रा, श्री नंदेश्वर महादेव को जल अर्पित कर की गई आरती

खंडवा- श्रावण मास में कांवड़ का बहुत महत्व माना गया है। ऐसे में कई शिव भक्त कावड़ यात्रा के माध्यम से पवित्र नदियों का जल भर भोलेनाथ को अर्पित करते है। सैकड़ो किलोमीटर पैदल चलकर कावड़ यात्री भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए आस्था और श्रद्धा के साथ आगे बढ़ते है। इन कावड़ यात्रियों की सेवा के लिए रास्ते में कई भक्त उन्हें स्वल्पाहार पानी, चाय और कई प्रकार की सेवाएं देते हैं। 
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि रविवार को खंडवा की श्री नंद विहार कॉलोनी से पुरुषों की कावड़ यात्रा भगवान श्री नंदेश्वर महादेव मंदिर से सुबह 7:00 बजे ब्रह्मगीर महाराज के लिए निकली। रावण यात्रा में पुरुषों के साथ छोटे-छोटे बच्चे भी सम्मिलित हुए। सुबह 10:00 बजे ब्रह्मगीर महाराज पहुंचकर स्नान समाधि दर्शन कर भोले भगवान की आरती उतार कर सभी भक्त कावड़ लेकर भोले शंभू भोलेनाथ, हर हर महादेव, बम बम भोले के उद्घोष लगाते पैदल निकल पड़े। अमलपुरा में यात्रा का पहला पड़ाव हुआ जहां पंचायत भवन में सभी कावड़ियों को स्वल्पाहार कराया गया। यहां से यात्रा प्रस्थान कर दाना बाबा मंदिर पहुंची, जहां पूजा अर्चना कर खंडवा की ओर रवाना हुई। यात्रा का दूसरा पड़ाव जूनापानी में हुआ। यहां थोड़ी देर विश्राम कर आगे प्रस्थान किया। रास्ते में पावर ग्रिड पर यात्रियों को शिव भक्तों की ओर से चाय एवम उसके आगे नमकीन छाछ का वितरण किया गया। यहां से यात्रा सीधे खंडवा पहुंची। कालोनी में प्रवेश के पहले विनायक रेसीडेंसी के पास श्री नंद विहार कालोनी की मातृशक्ति और परिजनों ने यात्रियों का ढोल ढमाके और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। यहां से सभी कॉलोनीवासी श्री नंदेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे जहां ब्रह्मगीर महाराज से कावड़ में लाए पवित्र गंगा जल से भगवान का अभिषेक कर आरती की गई।

उप मुख्यमंत्री ने एसडीएम हुजूर कार्यालय भवन का किया लोकार्पण, रीवा को राजस्व के क्षेत्र में अव्वल बनाने में एसडीएम कार्यालय की होगी महत्वपूर्ण भूमिका

अच्छे भवन और सुविधाएं पूरी कार्यक्षमता से कार्य करने की प्रेरणा देती हैं - उप मुख्यमंत्री
भोपाल- उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कालेज चौराहा के समीप नवनिर्मित एसडीएम हुजूर कार्यालय भवन रीवा का लोकार्पण किया। उप मुख्यमंत्री ने विधिवत पूजा-अर्चना करके इसका लोकार्पण किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हमें कार्य करने के लिए अच्छा भवन और उचित सुविधाएं मिलती हैं तो हमें पूरी कार्यक्षमता से कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। नवनिर्मित एसडीएम कार्यालय भवन संभवत: प्रदेश में सबसे सुसज्जित एसडीएम कार्यालय है। रीवा के कलेक्ट्रेट और नवीन न्यायालय भवन को भी सबसे अनूठा बताया गया है। अब नए भवन में पटवारियों को बैठने के लिए उचित स्थान मिल रहा है। आमजनता को सरलता से पटवारी मिल जाएंगे। व्यवस्थित मीटिंग हाल में योजनाओं की प्रभावी समीक्षा होगी। रीवा को हर क्षेत्र की तरह राजस्व क्षेत्र में भी अव्वल बनाना है। इसमें एसडीएम कार्यालय हुजूर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
       उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भवन में प्रत्येक कोर्ट के बाहर प्रकरणों की सुनवाई के संबंध में भी विवरण प्रदर्शित किया जाएगा। इससे पक्षकारों और वकीलों को बड़ी सुविधा मिलेगी। हम सबका मूल उद्देश्य आमजनता की सेवा करना है। इस भवन में यदि कोई पीड़ित और परेशान आए तथा अपनी परेशानी मिटाकर मुस्कान लेकर लौटे यही सच्ची सफलता होगी। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। दो बड़े मीटिंग हाल, तीन ओर से प्रवेश की सुविधा, पार्किंग तथा अन्य सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। अच्छे भवन निर्माण के लिए मैं पीआईयू के अधिकारियों और निगरानी के लिए राजस्व अधिकारियों को बधाई देता हूं।
       कार्यक्रम में अपर कलेक्टर श्रीमती सपना त्रिपाठी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री जी रीवा के सतत विकास के लिए प्रयासरत हैं। यह कार्यालय भी आपके प्रयासों का ही परिणाम है। मध्यप्रदेश में कहीं भी इतना व्यवस्थित और आधुनिक एसडीएम कार्यालय नहीं है। यह आफिस पूरे प्रदेश के लिए रोल माडल बनेगा। एसडीएम हुजूर वैशाली जैन ने कार्यक्रम में कहा कि नवीन भवन में आमजनता के लिए मीटिंग रूम, पटवारियों के लिए कक्ष तथा डिजिटल नकल की भी सुविधा दी जा रही है। शासन के निर्देशों के अनुसार यहाँ एक अगस्त से चार राजस्व अधिकारी दिनभर केवल राजस्व प्रकरणों की सुनवाई करेंगे। अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण पीआईयू श्री वर्मा ने बताया कि नवीन भवन का निर्माण सात करोड़ 82 लाख 8 हजार रुपए की लागत से किया गया है। इसमें तीन तलों में कुल 36 हजार वर्गफिट स्थान उपलब्ध है। कार्यक्रम में पूर्व महापौर श्री वीरेन्द्र गुप्ता, श्री राजेश पाण्डेय, तहसीलदार शिवशंकर शुक्ला, नायब तहसीलदार विन्ध्या मिश्रा, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

डॉ. जोहेब को मिला पत्रिका एक्सीलेंस अवॉर्ड इन्टरनल मेडिसिन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये सम्मानित

भोपाल: होटल रैडिसन में आयोजित मेडेक्स 2025 कार्यक्रम के अंतर्गत भोपाल मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जोहेब अहमद को पत्रिका एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें इन्टरनल मेडिसिन (आंतरिक चिकित्सा) के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए पत्रिका न्यूज़ ग्रुप द्वारा प्रदान किया गया।
इस गरिमामयी अवसर पर पुरस्कार मध्यप्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा जी तथा चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री नरेंद्र शिवाजी पटेल जी के करकमलों द्वारा प्रदान किया गया, जिससे यह पल और भी विशेष और अविस्मरणीय बन गया।
डॉ. जोहेब की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत समर्पण और परिश्रम का परिणाम है, बल्कि यह संपूर्ण चिकित्सा समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है।

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डॉ. जितेंद्र सिंह ने दिल्ली में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय स्थापना दिवस पर भारत की जलवायु तैयारी संबंधी प्रमुख पहल घोषित किए

19वें स्थापना दिवस पर डॉ. सिंह ने 14 वैज्ञानिक उत्पादों की घोषणा के साथ ही परिवर्तन दशक की सराहना की, डीप ओशन मिशन को भविष्य की ...